स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक

 जयपुर,  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने आगामी दिनों में प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग को बढ़ाने, दिसंबर के अंत तक शत—प्रतिशत लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाने, दूसरे डोज में गति लाने और कोरोना से हुई मौतों के मुआवजे देने संबधी मामले जल्द से जल्द निष्पादित करने के निर्देश दिए हैं।





श्री मीणा ने बुधवार को स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ लगभग 4 घंटे मैराथन बैठक लेकर विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी ली और मुख्यमंत्री बजट घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान वीसी के माध्यम से प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ, बीसीएमएचओ, संयुक्त निदेशक एवं संबंधित अधिकारी जुड़ेे रहे।

चिकित्सा मंत्री ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सार्वजनिक स्थलों जैसे भीड़-भाड़ वाले बाजार, मंडियों, बस स्टैंड, रेलवे स्टैंड और पर्यटक स्थलों और स्कूलों में रैंडम सैंपलिंग के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 28 हजार से ज्यादा सैंपल प्रतिदिन लिए जा रहे हैं। उन्होंने प्रतिदन 1 लाख तक सैंपल लेने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पतालों के आउटडोर या इंडोर में आने वाले सस्पेक्टेड, आईएलआई मरीजों का कोविड सैंपल लेने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा सैंपल लिए जाएंगे उतना जल्दी संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश कोरोना प्रबंधन में अव्वल रहा है। कोरोना वैक्सीनेशन में भी राजस्थान राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। प्रदेश में 84 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली और 54 फीसदी को दूसरी डोज लग चुकी है। उन्होंने सभी सीएमएचओ को दिसंबर माह के अंत तक पहली डोज शत-प्रतिशत लगाने और दूसरी डोज में तेजी से गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को घर-घर जाकर टीका लगाने और आमजन को दूसरे डोज के लिए प्रेरित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में प्रतिदिन 10 लाख डोज प्रतिदिन लगाने का लक्ष्य रखने के भी निर्देश दिए। गौरतलब है कि विभाग के पास प्रतिदिन 15 लाख वैक्सीन लगाने की क्षमता है।  

चिकित्सा मंत्री ने कोरोना पॉजीटिव आए मरीजों के सैंपल की जिनोम सैंपलिंग में गति लाने के साथ प्रदेश की सभी मेडिकल कॉलेजों में जीनोम सैंपलिंग की शुरुआत करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सीरो सर्विलांस, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स की प्रगति, आईसीयू, शिशु चिकित्सालयों की स्थिति सहित कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस दौरान मौसमी बीमारियों की भी समीक्षा करते हुए कहा कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में माइक्रो प्लानिंग करते हुए प्रिवेंटिव एक्टिवटी चलाने और प्रभावित क्षेत्रों में फोगिंग व अन्य गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए।  

श्री मीणा ने कहा कि कोरोना से हुई मौतें बेहद संवेदनशील मामला है। अधिकारी स्वप्रेरित होकर मुआवजे के मामलों को आगामी 7 दिनों में सक्षम स्तर तक पहुंचाकर प्रभावितों को मुआवजा दिलाने में मदद करें। उन्होंने सभी सीएमएचओ व उच्च अधिकारियों को फील्ड में जाकर काम करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी फील्ड में रहेंगे तो चिकित्सा संस्थानों की व्यवस्थाएं सुधरने लगेंगी।

चिकित्सा मंत्री ने इस दौरान 2019 से 21 के दौरान बजट घोषणाओं की भी समीक्षा की और अधूरी घोषणाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान विभाग की फ्लैगशिप योजनाओं की भी जानकारी लेकर समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना, जनता क्लिनिक, मुख्यमंत्री निरोगी स्वास्थ्य शिविरों के बारे में जानकारी लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान कोविड की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए चयनित 332 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में भी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया गया।

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