<आर्थिक अपराध ही नहीं ऑनलाइन सैक्सुअल हैरसमेंटमहिलाओं का शोषण के मामले भी बढ़े

 आर्थिक अपराध ही नहीं ऑनलाइन सैक्सुअल हैरसमेंट के मामले भी बढ़े


साइबर अटैक, हैकिंग व ऑनलाइन फ्रड पर नियंत्रण जरूरी : डॉ. शर्मा


 साइबर क्राइम पर केन्स की डिजिटल गोष्ठी में वक्ताओं ने जताया आक्रोश


+ साइबर स्टॉकिंग, ब्लैकमेलिंग और फेक आइडी से बढ़ रहा महिलाओं का शोषण


 संक्रमण और इसके चलते हुए लॉकडाउन और उसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में साइबर क्राइम में बढ़ोतरी हुई है और उपभोक्ताओं को अब अधिक सतर्क रहने की जरुरत है। इतना ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जैविक युद्ध की तर्ज पर साइबर अटैक की संभावनाएं भी बढ़ रही हैंयह विचार व्यक्त करते हुए भारतीय उपभोक्ता परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनन्त शर्मा ने कहा है कि देश में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए अधिक प्रभावी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जरुरत है।


 


रविवार को अग्रणी उपभोक्ता संस्था केन्स' की ओर से 'साइबर क्राइम, डाटा सिक्योरिटी एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन' विषय पर आयोजित ऑनलाइन गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा कि न केवल ऑनलाइन आर्थिक अपराध बल्कि सैक्सुअल हैरसमेंट के मामले भी चिंता की बड़ी वजह है। ___ गोष्ठी में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में बोलते हुए साइबर एक्सपर्ट एवं आइसेम के पूर्व निदेशक मोहित सिंघी ने बताया कि साइबर अपराध का दायरा तेजी से बढ़ रहा है।


इसमें स्पैम इमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस डालना, लोगों पर नजर रखना, डाटा चुराना या किसी की निजी जानकारियों को इधर-उधर करना भी शामिल है। इन सबसे बचने के लिए उपभोक्ताओं को विभिन्न सावधानियां बरतना जरूरी है। सिंघी ने इन सावधानियों की भी विस्तार से जानकारी दी।


प्रारंभ में विषय प्रवर्तन करते हुए केन्स महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष दीक्षिता पापड़ीवाल ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन चैट में साइबर स्टॉकिंग, ब्लैकमेलिंग और फेक आइडी के जरिए लड़कियों के साथ हो रही धोखाधड़ी के मामलों पर विस्तार से प्रकाश डाला और महिलाओं से अपनी निजी जानकारियां शेयर करने में सावधानी रखने की अपील की।


केन्स के कार्यकारी अध्यक्ष के.पी.धीर ने नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में ऑनलाइन गड़बड़ियों के जरिए उपभोक्ताओं के साथ होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए जोड़े गए प्रावधानों की जानकारी दी। केन्स के निदेशक शिवदयाल सैनी, रॉयल कंज्यूमर्स क्लब की अध्यक्ष सुषमा के.के., सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. प्रवीण तंवर एवं विशेषज्ञ राजकुमार बनावरी ने भी विचार प्रकट किए और विषय से जुड़े विभिन्न मद्दों पर प्रकाश डाला।


__वक्ताओं ने सूचना तकनीक कानून 2000 एवं भारतीय दण्ड संहिता में साइबर अपराधों से संबंधित विभिन्न प्रावधानों की भी जानकारी दी। वक्ताओं ने बताया कि सूचना तकनीक कानून की धारा 65 से लेकर धारा 78 तक विभिन्न अपराधों के संबंध में विस्तृत प्रावधान किए गए हैं।


उपभोक्ता इस संबंध में पुलिस में भी शिकायत कर सकते हैं और अदालतों में जा सकते हैं। अंत में केन्स महिला प्रकोष्ठ की महासचिव ऊषा किरण भट्ट ने धन्यवाद ज्ञापित किया। साइबर अपराध से बचाव के लिए


उपभोक्ता क्या रखें सावधानियां


1. विश्वसनीय साइट पर ही ट्रांजेक्शन करें


2. बैंक डिटेल साझा न करें।


3. स्ट्रॉग पासवर्ड बनाएं और उसे बदलते रहें।


4. ओटीपी किसी के साथ शेयर ना करें।


5. क्रेडिट कार्ड दूसरे के हाथ में ना दें एवं सीवीसी शेयर ना करें।


6. अनावश्यक निजी जानकारियां सोशल साइटस पर ना डालें।


7. केवल ऑनलाइन चैट के आधार पर विश्वास ना करें।


8. संदेह की स्थिति में शिकायत करें। (दुर्गेश माथुर)


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