केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर विश्व बाघ दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के लोगों को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड समर्पित
करेंगे जिसमें अपने यहां बाघों की आबादी की निगरानी में वन्यजीवों के सर्वेक्षण के लिए दुनिया का सबसे बड़ा कैमरों का जाल
बिछाने के रूप में देश के प्रयासों को मान्यता दी गई है।
रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ क्षेत्र वाले देशों के शासनाध्यक्षों ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा पर हस्ताक्षर
करके 2022 तक बाघ क्षेत्र की अपनी सीमा में बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया था। इसी बैठक के दौरान दुनिया
भर में 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया गया। तब से हर साल बाघ संरक्षण पर
जागरूकता का सृजन करने और उसके प्रसार के लिए वैश्विक बाघ दिवस मनाया जा रहा है।
पिछले साल इसी वैश्विक बाघ दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के सामने तय समय से चार साल पहले
ही बाघों की संख्या दोगुना करने के भारत के संकल्प को पूरा कर लेने की घोषणा की। रूस में 2010 में बाघों के संरक्षण पर
सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा-पत्र में 2022 तक बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया गया था। भारत में अब दुनिया भर में
रहने वाले बाघों की कुल संख्या का लगभग 70% बाघ रहते हैं।
0 Comments
please do not spam link