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कॉलेज जाने वाली छात्राओं से लेकर मध्यम आयु वर्ग की गृहिणियों तक की महिलाओं ने उद्यमिता यात्रा शुरू की

सुश्री प्रियंका प्रभाकर ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान युवाओं को व्यस्त रखने के लिए स्टेम (एसटीईएम-

विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंगऔर गणित) पर आधारित खिलौने और बोर्ड गेम तैयार किए हैं और इस लॉकडाउन अवधि के

दौरान 40 लाख रुपये की कमाई की। सुश्री मेघना गांधी ने उसी अवधि के दौरान वडोदरा में वंचित महिलाओं के साथ काम

किया और प्राकृतिक वस्त्र तथा कोविड-19 संबंधित उपयोगी सामान बनाए जिनकी 25 लाख रुपये तक की बिक्री हुई। सुश्री

स्नेहल वर्मा ने छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मछुआरों के साथ काम किया और उन्हें अपने इंटरनेट ऑफ थिंग्स

(आईओटी) मशीन की मदद से कोविड-19 महामारी के दौरान मछलियों की पैदावार में सुधार करने में मदद की। इस मशीन

के उपयोग से पानी की गुणवत्ता और मछली उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद मिली। ये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उद्यमिता के

साथ काम करने वाली तीन महिला उद्यमी हैं।

इन तीनों महिलाओं में एक समानता है वो यह है कि ये तीनों महिला उद्यमिता और सशक्तीकरण (डब्ल्यूईई) 5 की विजेता हैं।

 महिला उद्यमिता और सशक्तीकरण (डब्ल्यूईई) एक ऐसी पहल है जो कॉलेज जाने वाली महिलाओं से लेकर मध्यम आयु वर्ग

की गृहिणी तक की महिलाओं को उद्यमशीलता को एक व्यवहार्य और संतोषप्रद करियर विकल्प के रूप में अपनाने में मदद

करती हैं। आईआईटी दिल्ली में महिलाओं के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए भारत सरकार के विज्ञान और

प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित और प्रायोजित यह अपनी तरह की भारत की पहली पहल है। इसमें 11 महिला उद्यमियों के

बीच उनकी उत्कृष्टता के लिए अनुदान के रूप में कुल 25 लाख रुपये के नकद पुरस्कार प्रदान किए गए।

 

 

आईआईटी दिल्ली से अपशिष्ट जल प्रबंधन में पीएचडी कर चुकीं सुश्री कल्पना अरोरा को अपशिष्ट जल से सैनिटाइज़र जैसे

उत्पादों के लिए रजत पुरस्कार प्रदान किया गया। दूसरी रजत पुरस्कार विजेता सुश्री शिवानी गुप्ता (पीएचडी) हैं जिन्होंने पेटेंट

कराए योग्य घाव भरने की तकनीक विकसित की है जो अभी एम्स (नई दिल्ली) में नैदानिक ​​परीक्षण के तहत है। इस उत्पाद को

पहले ही विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों की ओर से प्रशंसा की गई है और इसके लिए प्री-ऑर्डर पहले ही बुक किए जा चुके हैं।

सुश्री नीता दोशी (पीएचडी) को हवा के कणों को परिवर्तित करके बारिश कराने वाली मशीन के निर्माण, सुश्री राशि वर्मा को

किसानों के लिए एआर के क्षेत्र में काम करने, सुश्री मॉमिसाइकिया को घरेलू कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने और सुश्री

अभिश्री अरोड़ा को (आईआईटी दिल्ली की सबसे कम उम्र की उद्यमी) बच्चों के लिए गणित को सरल बनाने पर काम करने के

लिए कांस्य पदक से सम्मानित किया गया है।

सुश्री नीतिका सोनखिया और सुश्री रितिका अमित कुमार को असाधारण उद्यमिता कौशल का प्रदर्शन करने और

कोविड-19 लॉकडाउन की अवधि के दौरान भी राजस्व उत्पन्न करने वाले व्यावसायिक मॉडल बनाने के लिए दो होनहार स्टार

पुरस्कार भी दिए गए।

महिलाओं के इस दल को को विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात प्रशिक्षकों द्वारा इसके लिए तैयार और प्रशिक्षित किया गया। इसमें पूरे

भारत के 16 अलग-अलग राज्यों (हिमाचल प्रदेश, वडोदरा,मिज़ोरम, औरंगाबाद, बैंगलोर तक) की महिला उद्यमियों ने भाग

लिया। इस दल में ऐसी महिलाएं शामिल रहीं हैं जो अपने विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञ है। ये महिलाओं एसटीईएम आधारित खिलौने

से लेकर मछली पालन तक,अपशिष्ट जल से उत्पाद बनाने, अपने व्यवसाय में छोटे उद्यमियों को सहायता देने से लेकर

शारीरिक घाव के उपचार के लिए तकनीक निर्माण तक में सिद्ध हैं। महिलाओं के इस दल की ओर से तीन पेटेंट फाइलिंग शुरू

की गई है।

19 जून 2020 को महिला उद्यमिता और सशक्तीकरण (डब्ल्यूईई) डेमो डे वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया था और

अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी वाली एक प्रतिष्ठित जूरी ने विजेताओं का फैसला किया। इस समूह को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के

सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रामगोपाल राव ने संबोधित किया। इस पूरी प्रक्रिया

का संचालन वैज्ञानिक जी/सलाहकार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में नवाचार एवं उद्यमिता खंड की प्रमुख डॉ. अनीता

गुप्ता ने किया। डब्ल्यूईई के संस्थापक डॉ. सरनदीप सिंह और सुश्री अपर्णा सरोगी ने दुनिया को अधिक समावेशी और टिकाऊ

बनाने के लिए डब्ल्यूईई की अब तक की यात्रा और डब्ल्यूईई के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया। अन्य प्रख्यात ज्यूरी सदस्यों में

प्रबंध निदेशक,एफआईटीटी, आईआईटी दिल्ली डॉ. अनिल वली, फोर स्कूल में उद्यमिता प्रकोष्ठ की प्रमुख डॉ. अनीता लाल

त्रिपाठी,सिनर्जी कंसल्टिंग के सीओओ श्री आनंद रोहतगी और न्यूक्लियस एंड वर्चुसा के सीओ-संस्थापक तथा स्कूल ऑफ

इंस्पायर्ड लर्निंग के बोर्ड सदस्य श्री योगेश एंडले के साथ-साथ कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क में प्रबंधन के प्रोफेसर सौमित्र दत्ता

और नैटवेस्ट मार्केट्स,क्रेडिट रिस्क के ग्लोबल हेड और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री स्पेंसर लॉयड भी शामिल थे।

महिला उद्यमिता और सशक्तीकरण (डब्ल्यूईई) फाउंडेशन आईआईटी दिल्ली द्वारा शुरू की गई भारत की पहली

सामाजिक,राष्ट्रीय पहल है जिसे देश में महिला उद्यमिता को मजबूत करने और महिलाओं द्वारा इस तरह के उद्यमों के निर्माण

और उसे जीविका के लायक बनाने वाले एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी (डीएसटी) की

मदद से चलाया जाता है। डब्ल्यूईई फाउंडेशन द्वारा संचालित मेंटरशिप प्रोग्राम पूरे भारत की महिला उद्यमियों को उनके

उत्पादों के लिए संभावित निवेशकों और खरीदारों से जोड़ता है ताकि वे अपने व्यावसायिक विचार को आर्थिक रूप से स्थायी

उद्यम में बदल सकें।

डीएसटी के सचिव श्री आशुतोष शर्मा ने कहा कि नवाचार की जरूरतों के हमारे पिरामिड को व्यापक करते हुए हमें विविधता

और समावेशन पर ध्यान केंद्रित करना होगा जिसके लिए मेंटरशिप, नेटवर्किंग, सूचनात्मक संसाधनों,वित्तीय सहायता और

नीतियों के माध्यम से एक स्तर का दायरा और सशक्तिकरण सृजित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की

भागीदारी को बढ़ाने के लिए मॉडल,जैसा कि डब्ल्यूईई फाउंडेशन ने मंच प्रदान किया है, विकसित किए जा रहे हैं ताकि छुपी

हुई प्रतिभाओं का फायदा उठाने के लिए उन लोगों तक पहुंचा जा सके जिन तक अभी पहुंच नहीं हो पाई है। 

 

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